Bhartiya Tantra Mai Nirvachan Ayog Ke Karyo Ka Vishleshnatmak Addhyan

Authors

Abstract

भारत में प्राचीन काल से की जनता को पर्याप्त महत्व दिया जाता रहा है और जनता के कल्याण के लिये कार्य किया जाता रहा है। यद्पि भारत में प्राचीनकाल में राजशाही शासन व्यवस्था प्रचलन में भी फिर राजा प्रजा की इच्छानुसार कार्य करता था तथा राजा के कार्यों ने प्रजा की इच्छा प्रतिबंधित होती है। इस व्यवस्था में परिवर्तन भारत पर बाह्य आक्रमण से हुआ था और बाह्य आक्रमणकारियों द्वारा प्रतिपादित शासन का सिद्धांत निरंकुश को गया और राजा के कार्यों में प्रजा की इच्छा प्रतिबंधित न होती थी लेकिन बाह्य आक्रमण कारियों ने समय की गति के साथ भारतीय संस्कृति को अंगीकृत किया जिससे वे प्राचीन काल की तरह प्रजा के कल्याण के कार्य करने लगे इस व्यवस्था ने अंग्रेजों के आगमन के पश्चात व्यापक परिवर्तन हुआ और अंग्रेजों के कार्य प्रजा के कल्याण के लिये कम और उनके मूल देश ब्रिटेन के कल्याण के लिये होता था। अंग्रेज शासन की निरंकुशता और प्रजा की उपेक्षा के कारण स्वतंत्रता संघर्ष प्रारंभ हुआ और स्वतंत्रता संघर्ष के नेता उच्च शिक्षित होने के कारण लोकतंत्रिक शासन व्यवस्था की मांग करने लगे जिसे कुछ हद तक अंग्रेजी के शासन काल में तथा पूर्ण रूप से स्वतंत्रता के पश्चात पूर्णरूप से अंगीकार किया जाने लगा।

Metrics

Metrics Loading ...

References

ओ.पी.राय: निर्वाचन का कानून

ए.आई.आर. 1978 ए.सी. 597

जे.एन. पाण्डे: भारत का संविधान: सेन्ट्र्ल लॉ पव्लिकेशन इलाहाबाद: 40वॉ संस्करण 2007।

निर्वाचन का कानून (विधि एवं प्रक्रिया)-ओ.पी.राय 2013।

निर्वाचन का कानून (विधि एवं प्रक्रिया)-ओ.पी.राय 2013

ए.आई.आर. 1950, एस.सी. 124

सुभाष कश्यप भारत का संविधान एवं संवैधानिक विकास सघर्ष

एम.बी. पायली- इंण्डियन कन्सट्रीयूशन

नर्वाचन आयोग का कार्य तथा कार्यप्रणाली: https://hi.wikipedia.org/wiki/भारत_नवार्चन_आयोग#

धारा 171-क: भारतीय दण्ड संहिता 1860

धारा 171-ख: भारतीय दण्ड संहिता 1860

धारा 171-ड़: भारतीय दण्ड संहिता 1860

धारा 171-ग: भारतीय दण्ड संहिता 1860

धारा 171-च: भारतीय दण्ड संहिता 1860

धारा 171-छ: भारतीय दण्ड संहिता 1860

धारा 171-झ: भारतीय दण्ड संहिता 1860

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

ओ.पी. राय: निर्वाचन का कानून (विधि एवं प्रक्रिया) 2013

धारा 39: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950

धारा 40: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

धारा 41: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

धारा 46: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

धारा 61-क: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

ए0आई0आर0 2006 (एन0ओ0सी0) 917 (बाम्बे)।

धारा 64: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

धारा 67: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

ए0आई0आर0 199 उड़ीसा 2008।

ए.आई.आई. 2001 कर्ना0 61ः 2001 आई0एल0आर0(2) कर्ना0 577।

धारा 100: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

धारा 127: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

धारा 146: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950।

ए.आइ..आर. 1984 एस0सी0 921ः 1984 यू.जे. (एस.सी.) 558।

Published

30-07-2021

How to Cite

Sanjay Bhadoria. (2021). Bhartiya Tantra Mai Nirvachan Ayog Ke Karyo Ka Vishleshnatmak Addhyan. Jai Maa Saraswati Gyandayini An International Multidisciplinary E-Journal, 1(I), 68–86. Retrieved from http://jmsjournals.in/index.php/jmsg/article/view/18

Issue

Section

Article